उद्योगे नास्ति दारिद्र्यं जपतो नास्ति पातकम्।
मौनेन कलहो नास्ति नास्ति जागरिते भयम्।।३.११।।
उद्योग करने पर दरिद्रता नहीं रह सकती। ईश्वर का बार - बार स्मरण करते रहने पर पाप नहीं रह सकता। चुप रहने पर लड़ाई - झगड़ा नहीं हो सकता। जागते हुए मनुष्य के पास भय नहीं टिक सकता।
मौनेन कलहो नास्ति नास्ति जागरिते भयम्।।३.११।।
उद्योग करने पर दरिद्रता नहीं रह सकती। ईश्वर का बार - बार स्मरण करते रहने पर पाप नहीं रह सकता। चुप रहने पर लड़ाई - झगड़ा नहीं हो सकता। जागते हुए मनुष्य के पास भय नहीं टिक सकता।
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