आयुः कर्म च वित्तं च विद्या निधनमेव च।
पाञ्चैतानि हि सृज्यन्ते गर्भस्थस्यैव देहिनः।।४.१।।
आयु , कर्म , धन , विद्या और मृत्यु ये पाँच बातें तभी लिख दी जाती हैं , जब कि मनुष्य गर्भ में ही रहता है।
पाञ्चैतानि हि सृज्यन्ते गर्भस्थस्यैव देहिनः।।४.१।।
आयु , कर्म , धन , विद्या और मृत्यु ये पाँच बातें तभी लिख दी जाती हैं , जब कि मनुष्य गर्भ में ही रहता है।
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