किं तया क्रियते धेन्वा या न दोग्ध्री न गर्भिणी।
कोऽर्थ्र: पुत्रेण जातेन यो न विद्वान् न भक्त्तिमान।।४.९।।
ऐसी गाय से क्या लाभ जो न दूध देती हो और न गाभिन हो। उसी प्रकार उस पुत्र से क्या लाभ जो न विद्वान् हो और न भक्त्तिमान् ही होवे।
कोऽर्थ्र: पुत्रेण जातेन यो न विद्वान् न भक्त्तिमान।।४.९।।
ऐसी गाय से क्या लाभ जो न दूध देती हो और न गाभिन हो। उसी प्रकार उस पुत्र से क्या लाभ जो न विद्वान् हो और न भक्त्तिमान् ही होवे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें