बुधवार, 16 मार्च 2016

४.१९ देवता

अग्निर्देवो द्विजातीनां मुनीनां हृदि दैवतम्।
प्रतिमा त्वल्पबुद्धिनां सर्वत्र समदर्शिनाम्।।४.१९।।

द्विजातियों के लिए अग्नि देवता हैं। मुनियों का हृदय ही देवता है। साधारण बुद्धिवालों के लिए प्रतिमायें ही देवता हैं और समदर्शी के लिये पूरा संसार देवमय है।

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