बुधवार, 16 मार्च 2016

४.४ अन्त समय के उपस्थित हो जाने पर

यावत्स्वस्थो ह्ययं देहो यावन्मृत्युश्च दूरतः।
तावदात्महितं कुर्यात् प्राणान्ते कीं करिष्यति।।४.४।।

जब तक कि शरीर स्वस्थ है और जब तक मृत्यु दूर है।  इसी बीच में आत्मा का कल्याण कर लो। अन्त समय के उपस्थित हो जाने पर कोई क्या करेगा ?

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें