शनिवार, 19 मार्च 2016

७.९ प्रसन्नता

तुष्यन्ति भोजने विप्रा मयूरा घनगर्जिते।
साधवः परसम्पत्तौ खलाः परविपत्तिषु।।७.९।।

  1. ब्राह्मण भोजन से ,
  2. मोर मेघ के गर्जन से ,
  3. सज्जन पराये धन से  और 
  4. खल मनुष्य दुसरे पर आई विपत्ति से 
प्रसन्न होते हैं।  

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