शनिवार, 19 मार्च 2016

७.२१ देह में आत्मा

पुष्पे गन्धं दिले तैलं काष्ठे वह्निं पयो घृतम्।
इक्षौ गुडं तथा देहे पश्याऽऽत्मानं विवेकतः।।७.२१।।

हमे देह में आत्मा को उसी विचार से देखना  चाहिए जिस प्रकार
  1. फूल में गन्ध ,
  2. तिल में तेल ,
  3. काष्ठ में आग ,
  4. दूध में घी और 
  5. ईख में गुड़ 
विद्यमान है। 

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