शनिवार, 19 मार्च 2016

७.१५ चार बातें ध्यान करने वाली

यस्यार्थास्तस्य मित्राणि यस्यार्थास्तस्य बान्धवाः।
यस्यार्थाः स पुमाँल्लोके यस्यार्थाः स च जीवति।।७.१५।।

ये चार बातें ध्यान करने वाली है
  1. जिसके पास धन रहता है उसके मित्र होते हैं। 
  2. जिसके पास अर्थ रहता है उसी के बन्धु होते हैं। 
  3. जिनके पास धन रहता है वही पुरुष गिना जाता हैं। 
  4. जिसके पास अर्थ रहता है वही जीता है।

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