नाऽत्यन्तं सरलैर्भाव्यं गत्वा पश्य वनस्थलीम्।
छिद्यन्ते सरलास्तत्र कुब्जास्तिष्ठन्ति पादपाः।।७.१२।।
अधिक सीधा - साधा होना भी अच्छा नहीं होता। जाकर वन में देखो वहाँ सीधे वृक्ष काट लिये जाते हैं और टेढ़े खड़े रह जाते हैं।
छिद्यन्ते सरलास्तत्र कुब्जास्तिष्ठन्ति पादपाः।।७.१२।।
अधिक सीधा - साधा होना भी अच्छा नहीं होता। जाकर वन में देखो वहाँ सीधे वृक्ष काट लिये जाते हैं और टेढ़े खड़े रह जाते हैं।
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