पादाभ्यां न स्पृशेदग्निं गुरुं ब्राह्मणमेव च।
नैव गां च कुमारीं च वृद्धं न शिशुं तथा।।७.६।।
इनको कभी भी पैरों से न छुए
नैव गां च कुमारीं च वृद्धं न शिशुं तथा।।७.६।।
इनको कभी भी पैरों से न छुए
- अग्नि
- गुरु
- ब्राह्मण
- गौ
- कुमारी कन्या
- वृद्ध
- बालक।
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