शनिवार, 19 मार्च 2016

७.१ किसी के समक्ष जाहिर नहीं करना चाहिए

अर्थनाशं मनस्तापं गृहिणीचरितानि च।
नीचवाक्यं चाऽपमानं मतिमान्न प्रकाशयेत्।।७.१।।

इन बातों को बुद्धिमान मनुष्य को किसी के समक्ष जाहिर नहीं करना चाहिए
  1. अपने धन का नाश 
  2. मन का सन्ताप 
  3. स्त्री का चरित्र 
  4. नीच मनुष्य की कही बात और 
  5. अपना अपमान  

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