शनिवार, 19 मार्च 2016

८.२ भोजन

इक्षुरापः पयो मूलं ताम्बूलं फलमौषधम्। 
भक्षयित्वाऽपि कर्तव्याः स्नान - दानादिकाः क्रियाः।।८.२।।

ऊख , जल , दूध , पान , फल - मूल , औषधि इन वस्तुओं के भोजन करने पर भी स्नान , दान  आदि क्रिया कर सकते हैं।  

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें