शनिवार, 19 मार्च 2016

७.५ इनके बीच में से नहीं निकलना चाहिये

विप्रयोर्विप्रवह्नेश्च दम्पत्योः स्वामिभृत्ययोः।
अन्तरेण न गन्तव्यं हलस्य वृषभस्य च।।७.५।।

इनके बीच में से नहीं निकलना चाहिये
  1. दो ब्राह्मणो के बीच में से 
  2. ब्राह्मण और अग्नि के बीच से 
  3. स्वामी और सेवक के बीच से 
  4. स्त्री - पुरुष के बीच से 
  5. हल - तथा बैल के बीच से।

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