कुचैलिनं दन्तमलोपधारिणं बह्वाशिनं निष्ठुरभाषिणं च।
सूर्योदये वाऽस्तमिते शयानं विमुञ्चति श्रीर्यदि चक्रपाणिः।।१५.४।।
मैले कपड़े पहननेवाला , मैले दाँतवाला , भुक्खड़ , नीरस बात करनेवाला और सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय तक सोनेवाला यदि ईश्वर ही हो तो उसे भी लक्ष्मी त्याग देती हैं।
सूर्योदये वाऽस्तमिते शयानं विमुञ्चति श्रीर्यदि चक्रपाणिः।।१५.४।।
मैले कपड़े पहननेवाला , मैले दाँतवाला , भुक्खड़ , नीरस बात करनेवाला और सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय तक सोनेवाला यदि ईश्वर ही हो तो उसे भी लक्ष्मी त्याग देती हैं।
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