मंगलवार, 22 मार्च 2016

१२.११ छः बान्धव

सत्यं माता पिता ज्ञानं धर्मो भ्राता दया सखा।
शान्तिः पत्नी क्षमा पुत्रः षडेते मम बान्धवाः।।१२.११।।

कोई ज्ञानी किसी के प्रश्न का उत्तर देता हुआ कहता है कि , सत्य  मेरी माता है , ज्ञान पिता है , धर्म भाई है , दया मित्र है , शांति स्त्री है और क्षमा पुत्र है , ये ही मेरे छः बान्धव हैं।

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