मंगलवार, 22 मार्च 2016

१२.८ सज्जनों का सत्संग

साधूनां दर्शनं पुण्यं तीर्थभूता हि साधवः।
कालेन फलते तीर्थं सद्यः साधुसमागमः।।१२.८।।

सज्जनों का दर्शन बड़ा पुनीत होता है।  क्योंकि साधु जन तीर्थ के समान रहते हैं।  बल्कि तीर्थ तो कुछ समय बाद फल देते हैं पर सज्जनों का सत्संग तत्काल फलदायक होता है।

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